उत्तर प्रदेश में जमीन खरीदने के लिए खरीदार को जमीन की रजिस्ट्री करवानी होती है। ऐसे में एक साधारण सवाल हमारे मन में आता है, कि जमीन रजिस्ट्री करवाने में कितना खर्चा आता है? तो आपको बता दें की यह खर्च जमीन के प्रकार और जमीन के आकार पर निर्भर करता है।
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, और आप जानना चाहते हैं, कि जमीन की रजिस्ट्री में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं, तो आपको इस लेख के जरिए विस्तृत जानकारी मिलेगी.
उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री करने में कितना खर्चा आता है?
उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री करने का खर्चा कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि जमीन की लोकेशन, मूल्य, और अन्य कानूनी आवश्यकताएं। आमतौर पर, निम्नलिखित खर्चे शामिल होते हैं:
स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty):
- उत्तर प्रदेश में स्टांप ड्यूटी आमतौर पर संपत्ति के बाजार मूल्य का 5% होती है। महिलाओं के लिए, कुछ छूट मिल सकती है।
रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Fee):
- रजिस्ट्रेशन शुल्क जमीन के बाजार मूल्य का 1% होता है, लेकिन अधिकतम सीमा निर्धारित होती है, जो जिले और संपत्ति के प्रकार के अनुसार अलग हो सकती है।
लेखा शुल्क (Legal Charges):
- इसमें वकील की फीस, दस्तावेज़ तैयार करने की लागत, और अन्य कानूनी खर्च शामिल हो सकते हैं।
अन्य शुल्क:
- इसके अलावा, संपत्ति के आकार और प्रकार के आधार पर अन्य मामूली शुल्क भी हो सकते हैं, जैसे नक्शा बनाने का खर्च, रजिस्ट्री ऑफिस में प्रसंस्करण शुल्क आदि।
यहां तक कि इन शुल्कों में मामूली अंतर हो सकता है, इसलिए रजिस्ट्री के समय स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय से सटीक जानकारी लेना बेहतर होता है।
किस जमीन पर कितना रजिस्ट्री खर्चा आता है?
रजिस्ट्री का खर्च जमीन के आकार, प्रकार, और स्थान पर निर्भर करता है। शहर की जमीन पर अधिक स्टांप ड्यूटी लगती है, जबकि गांव की जमीन पर कम।
इसके अलावा, व्यावसायिक उद्देश्य के लिए खरीदी गई जमीन पर अधिक खर्च होता है, जबकि खेती के लिए कम होता है।
उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट कैसे पता करें?
उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट (Circle Rate) वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर सरकार द्वारा जमीन और संपत्ति के लेन-देन के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क निर्धारित किए जाते हैं। इसे पता करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करें:
- सबसे पहले आपको भारतीय स्टांप और रजिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट - https://igrsup.gov.in/igrsup/ पर जाना होगा।
- वेबसाइट के होम पेज पर आपको अलग-अलग विकल्प देखने को मिलेंगे, जिसमे से आपको “मूल्यांकन सूची” के विकल्प पर क्लिक करना है।
- अब आपको अपना जिला और अन्य जानकारियों को ध्यान पूर्वक भरना है।
- अब आपको एक कैप्चा भरकर सबमिट करना है।
- इसके बाद एक पीडीएफ डाउनलोड हो जाएगा।
- उस पीडीएफ में आपके पूरे इलाके को अलग-अलग सर्कल में बांटा गया होगा और हर सर्कल में आने वाले जमीन का रेट बताया गया होगा।